एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - 1 ss ss द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

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एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - 1


अजबगढ़
हजार साल पहले अजबगढ़ , एक समय पर ये बहुत खुशहाल गांव हुआ करता था। जिसे देखने के लिए लोग दूर- दूर से आते। ये गांव सब तरह सुसज्जित और प्रशिद्ध गांव था। यहाँ का राज महल बहुत विशाल था जो काफी दूर तक फैला हुआ था।ये महल चारदीवारी से घिरा है जिसके अन्दर प्रवेश करते ही दायीं ओर कुछ हवेलियों के दिखाई देती हैं। सामने जिसमें सड़क के दोनों तरफ कतार में बनायी गयी दो मंजिली इमारते हैं। इसकी बायीं ओर पे शिव जी का एक विशालकाय मंदिर भी उपस्थित है।ये महल चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा हुआ है चारों ओर पहाड़िया है वर्षा ऋतु में यहां की रौनक देखने को ही बनती है यहां पर चारों तरफ पहाड़ियों पर हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है वर्षा ऋतु में यह दृश्य बहुत ही सुंदर हो जाता है । यहाँ के गांव वाले भी बहुत खुश थे , लेकिन अचानक एक दिन ऐसा कुछ हुआ जिसकी वजह से हस्ता खेलता गांव बर्बाद हो गया था। एक श्राप ने गांव के उस विशाल महल को खंडर बना दिया था क्यूकि उसके बाद कोई वहाँ रह नहीं पाया और धीरे - धीरे गांव के लोग उस महल से दूरी बना के रहने लगे। लोगो का मानना था की वहाँ से डरावनी आवाजे सुनाई देती है और जो भी वहाँ जाता है , वो लौट कर वापिस नहीं आ पाता
। उस अजबगढ़ के महल के आस पास रात में तो क्या दिन में भी लोग आने से डरते थे।

कुछ गांव वालो का मानना था की वहाँ एक डायन थी , कुछ लोगो का कहना था वहाँ कोई चुड़ैल है , इसी तरह गांव के लोगो का कहना अलग -अलग था। कई लोग ने वहाँ बड़े से साप कि परछाई देखने का भी दवा किया लेकिन कोई नहीं जनता था आखिर वहाँ कौन है जिसकी आवाज आती है , जानना सबको था लेकिन किसी भी गांव वाले की हिम्मत नहीं थी की वो वहाँ जा के देखे , क्यूकि सबको पता था वहाँ जाना मतलब अपनी मौत को बुलाना।
किसी को नहीं पता था कि वहाँ कौन है लेकिन वहाँ से किसी लड़की कि आवाज हर अमावस कि रात को आती थी , जो चीख -चीख के कहती, " मैं एकजा - अपना बदला जरूर लूँगी। तू मरेगा , मैं तेरा इंतज़ार कर रही।"ऐसी दिल दहला देने वाली आवाज़ जिसे सुन कर गांव के सभी लोग डर जाया करते है । रात में कोई गलती से भी गांव कि उस सीमा में पैर भी नहीं रखता , कुछ लोगो का कहना था कि राज महल के सभी लोग अचानक मर गए थे तो उनकी आत्माये भटक रही है।
इसी तरह गांव में अलग अलग अफ़वाए फैली हुए थी उस विशाल महल को ले कर जो अब किसी डरावने खंडर से कम नहीं । इसलिए कोई वहाँ नहीं जाता था। किसी को नहीं पता था उसके अंदर क्या है जो भी बाते महल के बारे में उन्हें पता थी वो उन्हें उनके पूर्वजो से पता चली थी। वर्तमान समय : पास के गांव में आज चारो तरफ ख़ुशी का माहौल है क्युकी आज उस सरपंच नन्दलाल के इकलौते बेटे मोहन का विवाह है , मोहन शहर से पढ़ कर पूरे 15 साल बाद अपने गांव लौटा है और उसकी शादी पास के ही गांव के सरपंच कि बेटी मधु से तय कि गयी है। इस रिश्ते से सभी बहुत खुश थे पर उन्हें क्या पता था ये ख़ुशी के पल कुछ देर में किसी मातम में बदलने वाला है। मोहन जो शहर से पढ़ कर आया है , उसने अपने गांव और उस विशाल खंडर हुए महल के बारे में बहुत सी बाते सुन रखी थी , क्यूकि वो वही का रहने वाला था तो बचपन से उसके मन में जानने कि उत्सुकता थी कि आखिर वहाँ कौन है। अब जब वो गांव वापिस आ गया तो उसके मन में एक ख्याल आया क्यूँ न वहाँ जा के देखा जाये। क्यूकि मोहन कि शादी थी तो उसके दो दोस्त भी उसकी शादी के लिए आये हुए थे और उन्होंने भी मोहन से कुछ बाते सुनी थी और गांव आ कर जब उन्होंने उस महल को दूर से देखा तो वो देखते रह गए । जब वो सब आये थे तभी मोहन के घरवाले और गांव के कुछ लोगो ने उन्हें चेतावनी दे दी थी कि वो वहाँ न जाये।
पर क्यूकि मोहन और उसके वो 2 दोस्त शहर से आये थे तो उन्हें विश्वास नहीं था , वैसे भी आज कल कहा, "कोई पुरानी बातो पे विश्वास करता है आज कल तो साइंस का जमाना है।
मोहन और उसके दोस्तों ने सोचा क्यू ना वहाँ जा कर देखा जाये कौन है वहाँ अभी तो सब काम में बिजी है , और कोई ध्यान भी नहीं देगा ,क्यूकि मोहन भी उत्सुक था तो उसने भी मना नहीं किया। और शाम को जब सब शादी की तैयारी में बिजी थे। तब वो तीनो चुपके से उस महल की तरफ निकल गए ,
मोहन के दोस्तों ने महल को दूर से ही देखते हुए कहा, "वाओ !!! यार ये कितना बड़ा है , ये उस ज़माने में कितना सुन्दर होगा।"उस महल के चारो तरफ बाउंड्री की गयी थी और उसके बाहर उसके गेट पे एक ताला लगा हुआ था जिसपे लाल कपड़े से बंधा गया था और दरवाजे के चारो तरफ चैन से बंधा गया था ताकि कोई अंदर न जा सके। उसपे काफी सारी जंजीरे थी तो उसके दोस्तों ने अपना सर पकड़ते हुए बोला यार ये तो ऐसी बंधा है जैसे पता नहीं कितना खजाना छुपा के रखा है।
इसपे मोहन ने कहा, "गांव वालो का कहना है ये मंत्रो से बांधा गया है ताकि जो शक्ति अंदर है वो बाहर ना आ सके। इसके बारे में मुहे ज्यादा नहीं पता पर कुछ सालो पहले किसी ने यहाँ जाने की हिम्मत की और वो कभी दुबारा दिखाई नहीं दिया। तब बहुत से लोगो को बुलाया गया अलग - अलग जगह से, इस महल को बंद करने के लिए।"

फिर मोहन और उसके दोस्तों ने उन्हें खोलने की कोशिश की पहले उन्होंने उस लाल कपड़े को खोला और उसे दूर फेक दिया , फिर उनमे से एक ने पत्थर उठाया और उस ताले पे मारने लगा ।
आखिर क्या होगा इसका अंजाम ?
क्या मोहन और उसके दोस्त महल को खोलने में सफल हो पाएंगे ?
क्या वो तीनो ज़िंदा वापिस जा पाएंगे ?
आखिर महल में क्या है ?
जानेगे ऐसी ही कुछ सवालो के जवाब अगले अध्याय में।